एक बार फिर से देश के पहलवान खेल मंत्री के आवास के बाहर प्रदर्शन करने पहुंच गए हैं। कुछ समय पहले विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के खिलाफ धरने पर बैठे थे। खिलाड़ी वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेना चाहते हैं लेकिन रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के हाल के फैसले से ये संभव नहीं है। ऐसे में खिलाड़ियों ने दोबारा गुहार लगाई है।
रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी डब्ल्यूएफआई ने गुरुवार को सीनियर वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप से भारतीय टीम को हटा लिया था। उन्होंने वर्ल्ड संचालन संस्था यानी UWW को सूचित किया कि खेल मंत्रालय उसकी स्वायत्तता में दखलअंदाजी कर रहा है। पहलवान फेडरेशन के इस फैले के खिलाफ हैं। वह चैंपियनशिप में हिस्सा लेना चाहते हैं और यही कारण है कि वह खेल मंत्री के आवास के बाहर पहुंचे।
बता दें कि, जो खिलाड़ी खेल मंत्री के घर के बाहर पहुंचे हैं उनमें एशियन गेम्स खेल चुकी मानसी अहलावत शामिल हैं। मानसी साल 2023 में चीन में हुए एशियन गेम्स खेलने वाली पहलवानों में शामिल थीं। उन्होंने 62 किलोग्राम वेट कैटेगरी में ओलंपिक क्वालिफायर के ट्रायल में हिस्सा लिया था और जीत हासिल की थी। हालांकि, वह कोटा हासिल नहीं कर पाई थी। साल 2022 में उन्होंने यूडब्ल्यूडब्ल्यू रैंकिंग सीरीज में गोल्ड मेडल जीता था।
सीनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप 12 गैर-ओलंपिक श्रेणियों में 28 अक्टूबर से अल्बानिया के तिराना में होने वाली है। डब्ल्यूएफआई का कहना है कि कुछ पहलवानों के कारण अन्य पहलवानों को परेशानी उठानी पड़ रही है। पीटीआई ने डब्ल्यूएफआई के एक सूत्र के हवाले से लिखा है कि, साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने हाल में अदालत का दरवाजा खटखटाया था और कहा था कि डब्ल्यूएफआई पर अदालत की अवमानना का आरोप लगाया जाना चाहिए। अब हम विश्व चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम नहीं भेज पाएंगे। हमने यूडब्ल्यूडब्ल्यू को ये बता दिया है।
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