भारतीय एथलीट हिमा दास आज यानी की 09 जनवरी को अपना 24वां जन्मदिन मना रही हैं। हिमा दास को ‘ढिंग एक्सप्रेस’ के नाम से भी जाना जाता है। वह भारतीय एथलीट हैं और विशेष रूप से 400 मीटर दौड़ में अपनी शानदार उपलब्धियों के लिए जानी जाती हैं। जिंदगी के सारे संघर्षों को मात देकर हिमा दास ने देश के लिए ऐतिहासिक मेडल हासिल किया। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर एथलीट हिमा दास के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
जन्म और परिवार
असम के नागौन जिले में 09 जनवरी 2000 को हिमा दास का जन्म हुआ था। बता दें कि हिमा दास को गांव की गलियों से निकालकर अंतरराष्ट्रीय स्तर लाने का श्रेय उनके बचपन के कोच निपुन दास को जाता है। निपुन दास ने हिमा दास के परिवार को मनाया और उनको ट्रेनिंग के लिए उन्हें गुवाहाटी ले आए।
करियर
बता दें कि हिमा दास ने अंडर-20 के 400 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीतकर खेल की दुनिया में अपना नाम बनाया। इसके बाद हिमा दास चर्चा में आ गईं और महज 18 साल की उम्र में गोल्ड मेडल जीतने के बाद उनका नाम गूंजने लगा। उन्होंने 51.46 सेकंड का समय लेकर गोल्ड मेडल जीता और दिलचस्प बात यह थी कि यह हिमा दास का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं था।
दिसंबर 2020 में गुवाहाटी में राष्ट्रीय अंतर-राज्यीय चैंपियनशिप में 51.13 सेकंड का समय लेते हुए उन्होंने अंडर -20 चैंपियनशिप को बेहतर बनाया। फिलहाल हिमा दास 400 मीटर में 50.79 सेकेंड का बेस्ट रिकॉर्ड रखती हैं। साल 2018 में उन्होंने यह रिकॉर्ड इंडोनेशिया के जकार्ता में एशियाई खेलों में बनाया था। इस दौरान हिमा दास ने रजत पदक जीता था।
दो महीने में 7 स्वर्ण पदक
गोल्ड पदक जीतना एक अविश्वसनीय उपलब्धि है, लेकिन 2 महीने में 7 पदक जीतना असाधारण है। उन्होंने जुलाई और अगस्त 2019 में यूरोपीय सर्किट टूर और विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। इन स्पर्धाओं में हिमा दास के कुल पदकों की संख्या 7 थी। यह सभी मेडल गोल्ड थे। जिनमें से 5 गोल्ड मेडल 200 मीटर में और दो 400 मीटर स्प्रिंट में थे।
एशियाई खेलों में 2 स्वर्ण और 1 रजत
हिमा दास ने साल 2018 में 18 साल की उम्र में जकार्ता-पालेमबांग एशियाई खेलों में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने 2 गोल्ड मेडल और 1 रजत पदक जीता। 200 मीटर की धावक भी और असमिया ने एशियाई खेलों के दौरान 400 मीटर स्पर्धाओं में भी हिस्सा लिया। हिमा दास ने पहले क्वालिफिकेशन हीट के दौरान और फिर फाइनल रजत पदक जीतने के दौरान 2 बार व्यक्तिगत भारतीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा।
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