नयी दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय ने अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) से इस महीने के अंत में होने वाले चुनाव के खिलाफ याचिका पर अपना पक्ष रखने को कहा है। आरोप है कि यह चुनाव कथित तौर पर खेल संहिता का उल्लंघन है। न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने पूर्व भारतीय एकल टेनिस खिलाड़ी सोमदेव देववर्मन और युगल खिलाड़ी पूरव राजा की याचिका पर खेल संघ और केंद्र को नोटिस जारी किया और कहा कि चुनाव याचिका के परिणाम के अधीन होंगे।
इस चरण में चुनाव पर रोक लगाने से इनकार करते हुए न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र ने यह भी निर्देश दिया कि 28 सितंबर को होने वाले चुनावों के परिणाम प्रकाशित नहीं किए जाएंगे। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने तर्क दिया कि एआईटीए ‘गुप्त तरीके से’ चुनाव करा रहा था क्योंकि ‘वेबसाइट पर कुछ भी नहीं था’। चुनाव पर रोक लगाने की मांग करते हुए वरिष्ठ वकील ने कहा कि एआईटीए का आचरण खेल संहिता और उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णयों का घोर उल्लंघन है।
न्यायालय ने याचिकाकर्ता से चुनाव के निर्वाचन अधिकारी को इस मामले में पक्ष बनाने को कहा और प्रतिवादी पक्षों से अपने जवाब दाखिल करने को कहा। न्यायालय ने कहा कि यदि बाद में चुनावों को संहिता का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो निर्वाचित पदाधिकारियों को कार्य करने की अनुमति नहीं दी जाएगी तथा उनके स्थान पर एक स्वतंत्र संस्था नियुक्त की जा सकती है।
न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र ने कहा, ‘‘मैं रोक नहीं लगा रहा हूं। चुनाव के लिए बहुत तैयारी की आवश्यकता होती है। यदि चुनाव प्रक्रिया मौजूदा निर्देशों की अवहेलना करते हुए संचालित की जाती है तो पदाधिकारियों को कार्य करने से रोक दिया जाएगा। फिर हम किसी को तदर्थ (निकाय) के रूप में नियुक्त करने पर विचार करेंगे…उस चुनाव को रद्द कर दिया जाएगा।’’ न्यायालय ने आदेश दिया, ‘‘इस बीच प्रतिवादी संख्या दो का चुनाव रिट याचिका के परिणाम के अधीन होगा। चुनाव का परिणाम प्रकाशित नहीं किया जाएगा।’’ मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी।